Dard Jhute wade Shayari: “झूठे वादों की छांव में टूटी उम्मीदें: दिल के दर्द, धोखे और टूटे रिश्तों की भावनाओं को समर्पित शायरी संग्रह”

Dard Jhute wade Shayari: “झूठे वादों की छांव में टूटी उम्मीदें” एक दिल को छू जाने वाला शायरी संग्रह है जो टूटे रिश्तों, अधूरी मोहब्बत और झूठे वादों से जन्मे दर्द को बारीकी से दर्शाता है। इस संग्रह में दिल के जख्म, बेवफाई की तड़प और बिछड़ने की कसक को ऐसे शब्दों में पिरोया गया है जो हर टूटे दिल की आवाज़ बन जाते हैं। अगर आपने कभी धोखा खाया है या मोहब्बत में दर्द महसूस किया है, तो ये शायरियां आपके जज़्बातों को बयां करेंगी।

Dard Jhute wade Shayari

झूठे वादों ने दिल को रुलाया इतना,
अब हर खुशी भी हमें लगती है जुदाई जैसा।

वादा तोड़ दिया उसी ने जिसने दिल जता था,
अब हर हँसी में बस दर्द ही छुपा रखा है।

तेरे झूठे वादे थे बस एक धोखा,
जो दिल में कर गए वो गहरा जख्म का निशान।

साथ निभाने की बातें सब झूठी निकलीं,
दिल मेरा टूट गया तेरे झूठे वादों की छाँव में।

जब से तूने किया था मेरा साथ छोड़ने का वादा,
हर पल मेरे दिल में बस खामोशी का साजा।

झूठे वादे करने वालों को पहचानिये,
जो साथ चलें सिर्फ दिखावे के लिए।

तूने किया था जो वादा, वो कसूरवार निकला,
मेरा दिल टूट गया, तभी से तनहा हूँ।

दिल से लगाया था जो तुझको हमने,
तूने झूठे वादों से हमें तन्हा कर दिया।

वादों में नहीं था कोई सच्चाई,
अब दिल मेरा सिर्फ दर्द ही सुनाई।

तेरा झूठा प्यार, तेरा झूठा वादा,
दिल को दिया है ये गहरा ज़ख़्म का सदा।

Dard Jhute wade Shayari: “झूठे वादों की छांव में टूटी उम्मीदें: दिल के दर्द, धोखे और टूटे रिश्तों की भावनाओं को समर्पित शायरी संग्रह”

वफा के ढोंग में ऐसा तेरा छल था,
खुद को खो दिया, सच को तुझसे क्या मतलब था।

दर्द झूठे वादों का ग़म लेकर चला,
उम्मीदों के टूटने का सबब लेकर चला।

जो कर गए थे झूठे वादे, उनसे क्या कहना,
अब तो मेरे दिल ने खुद को संभालना सिखा।

झूठे वादे कर के तेरा दिल न तोड़ता,
पर ये जो किया, उसने जीना मुश्किल बना दिया।

तेरी हर बात थी जैसे एक फरेब की कहानी,
दिल मेरा टूटा, और तू रहा बेपरवाही में।

वादों की बेवफ़ाई में खो गया मैं,
अब तो सिर्फ तेरे झूठों का रोना है।

दिल की उम्मीदों पर किया तूने धोखा,
अब हर दिन मेरा बस एक सवाल बन गया।

झूठे वादों से मिला जो दर्द मिला,
उसे सहके भी आज तक मैं जी रहा हूँ।

कभी जो निभाने की बात थी, वो सब फरेब निकली,
झूठे वादों ने बस मेरी तन्हाई बढ़ाई।

खुशियाँ थीं जो तेरे वादों में छुपी,
अब दर्द ही साथी है तेरे झूठे वादों के।

वादा किया था तुझसे साथ निभाने का,
पर झूठे वादों ने दिल को तोड़ डाला।

तेरे झूठे वादों ने सिखाया मुझे गम,
अब तुझसे कोई उम्मीद नहीं रखता मैं।

दिल तुम्हारे झूठे वादों का गुलाम रहा,
हर बार टूट कर, फिर भी तुझ पर था कायम।

टूटे वादों की चोट बड़ी होती है,
हर ख्वाब का अंत उदासी होती है।

झूठे वादों ने दिल को इस कदर तोड़ा,
अब हर खुशी भी लगती है अधूरा दोड़ा।

Leave a Comment