Attitude Rutba Shayari: दमदार रुतबा और तेवर वाली 2 लाइन शायरी कलेक्शन फॉर स्टेटस व्हाट्सएप इंस्टाग्राम”

Attitude Rutba Shayari: रुतबा और तेवर से भरी दमदार 2 लाइन शायरी का शानदार कलेक्शन! अपनी एटिट्यूड, पावर और क्लास को दिखाने वाली ये शायरियाँ व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम स्टेटस के लिए परफेक्ट हैं। अपने रुतबे और अंदाज़ को शब्दों में बयां करें।

Attitude Rutba Shayari

औकात क्या बताऊँ, लोग नाम से ही सहम जाते हैं।
रुतबा ऐसा है कि दुश्मन भी सलाम करके जाते हैं।

जो कल तक दिखते भी नहीं थे हमारी नज़र में।
आज हमारे रुतबे से अपने आप जलने लगे हैं।

शेर अपना रुतबा कभी साबित नहीं करता।
वक्त आने पर जंगल खुद गवाही देता है।

हमसे जितना दूरी बनाओगे, उतना ही चर्चे बढ़ेंगे।
कमीनापन नहीं, रुतबा यूँ ही फेमस नहीं होता।

तेवर ऐसे हैं कि मत पूछ किरदार कैसा है।
रुतबा खुद बता देता है कि सरदार कैसा है।

किसी से कम नहीं, बस किसी के बराबर भी नहीं।
यही तो हमारा रुतबा और हमारा एटीट्यूड है।

नाम सुनते ही चेहरे उतर जाते हैं कईयों के।
लगता है रुतबे की दस्तक दिल तक पहुँच गई है।

रुतबा पैसों से नहीं, जिगर से बनता है।
और जिगर तो हम जैसे आवारा ही रखते हैं।

जो कल तक नजरअंदाज़ करते थे हमारी बातों को।
आज हमारे रुतबे पर रील बनाकर घूमा करते हैं।

लोगों की भीड़ नहीं, अपनी पहचान चाहिए।
कम दोस्त सही, पर सब पर रुतबा जानलेवा चाहिए।

Attitude Rutba Shayari: दमदार रुतबा और तेवर वाली 2 लाइन शायरी कलेक्शन फॉर स्टेटस व्हाट्सएप इंस्टाग्राम”

रुतबा देखना हो तो दुश्मनों की आँखों में देख लेना।
वहां डर भी मिलेगा और हमारी चर्चा भी।

हम जहाँ खड़े हो जाएँ, वही लेवल बढ़ जाता है।
रुतबा इतना कि छोटों को हौसला और बड़ों को जलन दे जाता है।

अकड़ते नहीं, बस झुक कर आदत नहीं सलाम करने की।
रुतबा ऐसा कि नाम लेते ही लोग खामोश हो जाते हैं।

आज कल रुतबे का मतलब लोग पैसों से लगाते हैं।
हमारा तो नाम सुनकर ही भीड़ रास्ता छोड़ जाती है।

तू जो मुझसे जलता है, उसी में मेरा रुतबा दिखता है।
वरना तेरा कौन सा कद था जो नज़र आया करता है।

हम छोटे-मोटे चेहरे नहीं, पूरा ब्रांड हैं।
रुतबा ऐसा कि नफरत करने वाले भी फैन निकलते हैं।

मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी मत समझ लेना।
रुतबा बोलता है, आवाज़ की यहाँ जरूरत नहीं।

हमारे स्टाइल से ज्यादा हमारे रुतबे की चर्चा है।
वरना चेहरा तो लाखों के पास हमसे बेहतर होगा।

दोस्ती भी दिल से, दुश्मनी भी लेवल से करते हैं।
रुतबा यूँ ही नहीं, सालों की मेहनत से बनाते हैं।

हमारी मौजूदगी ही काफी है माहौल बदलने को।
रुतबा ऐसा कि बैठकों में भी नाम अलग से गूँजता है।

हमने दुश्मनों को भी एहसान में बाँध रखा है।
रुतबा देख, वो भी छुपकर हमारी तारीफ करते हैं।

मेरा रुतबा मेरे शब्दों से नहीं, मेरे फैसलों से दिखता है।
एक बार जो ठान लिया, फिर उलटा होना नामुमकिन है।

जो मेरे कद को झुककर नापते हैं।
उन्हीं की झुकी नज़रों में मेरा रुतबा बसता है।

स्टेटस से नहीं, हाज़िरी से पहचान है मेरी।
जहाँ भी जाता हूँ, रुतबा पहले पहुँच जाता है मेरी।

खुद की कीमत खुद बढ़ानी पड़ती है दुनिया में।
रुतबा भी वही चलता है, जो खुद पर यकीन रखते हैं।

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