Mehndi per Shayari: प्यार, रस्मों और जीवन की हसीन लकीरों पर सजी कविताएं जो हर दुल्हन की हथेली पर बिखेरें खूशबू, सपनों और दिल की बातें”

Mehndi per Shayari: “प्यार, रस्मों और जीवन की हसीन लकीरों पर रची ये कविताएं हर दुल्हन की हथेली को बनाती हैं और भी खास। इन पंक्तियों में बसी है मोहब्बत की खुशबू, सपनों की रौनक और दिल की गहराई, जो हर शादी के पल को यादगार बना देती है।”

Mehndi per Shayari

मैं न लगाऊँगी मेहंदी तेरे नाम की,
कमबख्त रंग चढ़ कर उतरता ही नहीं।

उनके हाथों पे मेहंदी का हमको ये फायदा हुआ,
की रातभर उनके चेहरे से जुल्फ़े हम हटाते रहे।

तेरे हाथों के मेहंदी का रंग गहरा लाल है,
क्योंकि मेरे इश्क़ का चाहता बेमिसाल है।

मेहँदी वाले हाथ, वो तेरे पायल वाले पांव,
याद बहुत आते हैं मुझको तू और अपना गाँव।

करतूतें तो देखिये मेहंदी की,
तेरा नाम क्या लिखी शर्म से लाल हो गई।

मेहँदी जो मिट कर हाथों पर रंग लाती है,
दो दिलों को मिलाकर कितनी खुशियाँ दे जाती है।

मेहंदी से सजे तेरे हाथों को चूम लेता हूँ,
तो एक अलग ही दुनिया में खो जाता हूँ मैं।

किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई हैं,
तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों पर रचाई हैं।

चुरा के दिल मेरा मुठ्ठी में छिपाए बैठे हैं,
और बहाना ये है कि मेहंदी लगाए बैठे हैं।

उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं,
जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे हैं।

Mehndi per Shayari: प्यार, रस्मों और जीवन की हसीन लकीरों पर सजी कविताएं जो हर दुल्हन की हथेली पर बिखेरें खूशबू, सपनों और दिल की बातें”

मेहँदी जब तुम मेरे नाम का लगाती हो,
तो क्या इसे तुम अपनी सहेलियों को भी दिखती हो।

पीपल के पत्तों जैसा मत बनो,
जो वक्त आने पर सूख कर गिर जाते हैं।

मेहंदी का रंग चढ़ा ऐसे मेरे हाथों में,
जैसे तेरा इश्क़ चढ़ा है मेरी साँसों में।

शादी में लगी मेहँदी का रंग कभी नहीं छूटता है,
ऐसे मौके पर ना जाने कितने आशिकों का दिल टूटता है।

तुम्हारे हाथों में सजी है मेहंदी ये मेरे नाम की,
उम्र भर साथ चलेंगे हम कसम है अपने प्यार की।

हाथों की मेहंदी अपना रंग छोड़ जाती है,
दिल में किसी अजीज की एक याद उमड़ आती है।

सच्ची चाहत क्या होती है,
मेरे महबूब मुझे बता गए।

मेहंदी की महक से हुआ ये प्यार का नशा है,
हाथों को तुम्हारे चूमता मेरे दिल का तराना है।

तूने जो मेहंदी वाले हाथों में मेरा नाम लिखा है,
तुम कहो या ना कहो तुम्हारे दिल का प्यार मुझे दिखा है।

वो मुस्कुरा रही थी हाथों में मेहँदी लगाकर,
मेरे अरमानों को दफ़न कर वो नया घर बसा रही थी।

उसे शक है हमारी मुहब्बत पर,
लेकिन गौर नहीं करती मेहँदी का रंग कितना गहरा निखरा है।

लड़की के हाथों पर जब मेहँदी रचाई जाती है,
तो बहुत सारे रिश्तों की अहमियत बताई जाती है।

महेंदी का रंग तो फीका पड़ गया है,
मगर तेरे प्यार का रंग तो जैसा था वैसा ही है।

उजली उजली धूप की रंगत भी फीकी पड़ जाती है,
आसमान के हाथों में जब शाम की मेहँदी रच जाती है।

कैसे लगा दोस्तों हमारा यह मेहंदी शायरी संग्रह,
जो दिल से लिखा गया है, सजीव रहा हर एक असर।

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