Mehndi Shayari: “दिल को छू जाने वाली महेंदी शायरी के संग महसूस करें प्यार की खूबसूरती। जानिए कैसे हाथों की रेखाओं में बसा है इश्क़ और रंगों में झलकती है मोहब्बत की गहराई।”

हर लकीर में तेरा नाम महका है आज,
मेरे हाथों की मेहंदी ने तेरा प्यारा राज़ कहा है आज।
हथेलियों पर जब सजती हैं तेरे नाम की रेखाएँ,
तब हर रंग में बस तेरा ही एहसास आता है।
तेरे प्यार की महक सी है ये मेहंदी की खुशबू,
जो दिल से लगती है तो दुआ बन जाती है।
लकीरों की भाषा अब समझ आई,
इश्क़ भी रंग में डूब कर दिखाई।
महक उठी हैं हथेलियाँ तेरे नाम की बात से,
मेहंदी भी मुस्कुराई मेरे जज़्बात के साथ से।

दिल की बात मेहंदी में लिख दी आज,
अब देखना तेरा नाम कैसे खिलता है ख़ास।
तेरे प्यार का रंग कुछ यूँ चढ़ा है,
कि हर लकीर ने तेरा चेहरा बना दिया है।
ये मेहंदी नहीं, तेरी यादों की कहानी है,
जो हर रंग में मेरा इम्तिहान बन जाती है।
ना जाने इन लकीरों में क्या जादू बस गया,
हर रंग में बस तेरा नाम रह गया।
हथेलियों पर तेरे प्यार का निशान सजा है,
ये मेहंदी नहीं, मेरा इकरार लिखा है।

Mehndi Shayari: “दिलों को छू लेने वाली महेंदी शायरी: हाथों की रेखाओं में बसता प्यार, रंगों में झलकती मोहब्बत की गहराई”
रंगों में छुपा है तेरा नाम प्यारा,
यूँ लगता जैसे मिल गया सहारा।
तेरे नाम की मेहंदी जब चढ़ जाती है,
मेरी हर मुस्कुराहट में ख़ुशबू भर जाती है।
ये मेहंदी तेरी मोहब्बत की मिसाल बन गई,
हर हथेली तेरे नाम से गुलाल बन गई।
जब भी देखती हूँ अपनी हथेली को प्यार से,
तेरा चेहरा झलकता है हर रंग में श्रृंगार से।
तेरे होने का एहसास हर रंग ने कहा,
मेहंदी ने भी आज इश्क़ का पैगाम दिया।

मेहंदी से लिखी तेरा नाम की ये कहानी,
बन गई मेरे दिल की सबसे प्यारी निशानी।
ना जाने क्यों तेरे नाम से महक उठी ये शाम,
शायद मेहंदी ने भी सुन लिया मेरा पैगाम।
तेरे बिना अब कोई रंग नहीं भाता,
मेहंदी भी फीकी लगे जो तुझे भुलाता।
हर हाथ की रेखा में तेरा ख्याल सजा है,
क्या खूब मेहंदी ने दिल से इज़रार कहा है।
मेहंदी लगी तो दिल में परछाई गिर पड़ी,
जैसे इश्क़ की कहानी हथेली पर उतर पड़ी।

तेरे नाम की मेहंदी दिल में सजती है,
हर रंग में तेरा प्यार महकता है।
तेरे इश्क़ का रंग कुछ यूँ बस गया,
कि अब हर रंग में तेरा नाम रह गया।
जब तेरे नाम से महके हैं ये हाथ,
तब से हर पल दिल कहता है “बस साथ”।
कोई रंग नहीं ऐसा जो तुझ-सा लगे,
मेहंदी भी तेरे नाम पे शरमा लगे।
ये मेहंदी नहीं, तेरे प्यार की भाषा है,
जो दिल से निकली और रूह में समा गई है।









