Mehndi sad Shayari: “दर्द भरे मेहंदी शायरी संग्रह में पढ़िए वो एहसास, जब हाथों की मेहंदी में छिपी हो जुदाई का दर्द और अधूरी मोहब्बत का रंग। दिल छू लेने वाली शायरियों का खूबसूरत संगम।”

मेहंदी तो लगा दी हाथों पर नाम तेरे का,
पर वो अब किसी और के साथ है, यही तो दर्द है मेरा।
तेरे नाम की मेहंदी क्या लगाऊँ मैं अब,
जब तेरा साथ ही मेरा नहीं रहा सबब।
हथेलियों पर तेरी यादें सजी हैं आज भी,
मेहंदी तो उतर गई, मगर यादें नहीं गईं।
तुझसे मिली थी खुशियाँ मेहंदी के बहाने,
अब वही मेहंदी मुझे रुला रही दीवाने।
हाथों में तेरा नाम देख हँसी आती थी पहले,
अब दर्द होता है देख के ये निशां गहरे।

वो दिन भी क्या दिन थे जब तू थी पास,
अब मेहंदी में भी दिखता है विछोह का अहसास।
तेरे बिना मेहंदी कैसी सुहानी लगे,
जैसे बेगानी खुशियाँ मेहमान सी लगे।
मैंने तेरे नाम की लकीर मिटाई नहीं,
बस वक्त ने खुद-ब-खुद वो पहचान घटाई कहीं।
हथेलियाँ सूनी नहीं, पर दिल खाली है,
मेहंदी का रंग नहीं, बस वीरानी बाकी है।
जब तेरा नाम लिखा मेहंदी में,
समझा था तेरा इश्क सच्चा है जी में।

Mehndi sad Shayari: दर्द भरे मेहंदी शायरी संग्रह: जब हाथों की रेखाओं में छिपा हो जुदाई का दर्द और अधूरी मोहब्बत का रंग
अब हर रंग बेरंग लगता है,
तेरे बिना मेहंदी भी तन्हा सा लगता है।
तेरे नाम की मेहंदी उतरी नहीं अब तक,
शायद दर्द का रंग कुछ गहरा है बहुत।
एक लकीर तेरे नाम की अभी भी है,
पर वो अब किसी और की हथेली में है।
मेहंदी से सजी हथेलियाँ वीरान हैं,
क्योंकि उनमें अब तेरी मुस्कान नहीं है जान।
तेरे नाम की मेहंदी में खुशी नहीं है अब,
ये बस एक याद है, जो करती है तलब।

लाल रंग अब सुहाता नहीं हाथों पर,
जब से छोड़ गया तू मेरे साथों पर।
तेरी यादों की खुशबू उतरी नहीं अब तक,
ये मेहंदी भी तेरे प्यार जैसी जिद्दी है बहुत।
जब नाम तेरा दिखा लकीरों में,
आँखें भर आईं दर्द की तस्वीरों में।
मेहंदी का रंग तेरे बाद फीका पड़ गया,
जैसे जीवन का हर रंग बुझ सा गया।
मेहंदी क्या अब सजाऊँ हाथों पर,
जब तेरी यादें ही बोझ हैं सांसों पर।

रंग उतरा मेहंदी का, पर दर्द नहीं,
तू गया ज़िंदगी से, पर हर्फ़ नहीं।
कभी तेरे नाम की मेहंदी चमकती थी,
अब उसी जगह आँसू टपकते हैं।
तेरे नाम की खुशबू आज भी बाकी है,
पर अब वो सुकून नहीं, बस राखी है।
मेहंदी तो लगाई थी तेरे प्यार की निशानी,
अब वही बन गई है मेरी उदासी की कहानी।
हथेलियों में बचा थोड़ा-सा रंग तेरा,
पर दिल में बचा है बस दर्द गहरा।









