Mehndi par Shayari:  मेहंदी की हर लकीर में सजती है मोहब्बत की दास्तान, दुल्हन की मुस्कान में झलकती है सगाई की खुशियाँ और इश्क़ का अनमोल पैगाम

Mehndi par Shayari: मेहंदी की हर लकीर में सजी मोहब्बत की दास्तान और दुल्हन की मुस्कान में झलकती सगाई की खुशियों को महसूस कीजिए। इस विशेष शायरी संग्रह में पाएँ वो शब्द जो प्यार, रिवाज़ और रिश्तों की मिठास को एक साथ जोड़ते हैं। हर शेर में है मेहंदी की खुशबू और हर अल्फ़ाज़ में इश्क़ का अनमोल पैगाम।

Mehndi par Shayari

हाथों में सजी जब तेरे नाम की मेहंदी,
मुस्कुरा उठी ज़िन्दगी तेरी याद में बंदी।

मेहंदी के रंग में घुला तेरा प्यार,
लगते ही नाम तेरा आया इकरार।

तेरे नाम की मेहंदी रच गई गहरी,
अब तो हो जाये मुलाकात ठहरी।

हथेलियों पर लिखा है तेरा नाम,
अब किस्मत भी कहे तू है मेरा काम।

महका है हर कोना तेरे इश्क़ की बातों से,
जब सजी हथेलियाँ मेहंदी की रातों से।

तेरे नाम से रंगीन हुई हथेली,
लगती है अब ये ज़िन्दगी भी नयी मेहंदीवाली।

मेहंदी लगी तो दिल में आई चाहत तेरी,
हर लकीर में दिखी सूरत तेरी।

तेरे बिना अधूरी थी ये रेत सी ज़िन्दगी,
मेहंदी लगा के अब रंगीन हो चली।

आज भी याद है वो मेहंदी की रात,
जब तेरा नाम लिखा था हर बात।

तेरे नाम की मेहंदी जब लगी हथेली पे,
दिल धड़क उठा तेरी झलक की पहेली पे।

Mehndi par Shayari:  मेहंदी की हर लकीर में सजती है मोहब्बत की दास्तान, दुल्हन की मुस्कान में झलकती है सगाई की खुशियाँ और इश्क़ का अनमोल पैगाम

मेहंदी की खुशबू में बस तेरा एहसास,
जैसे तू ही मेरा पहला और आख़िरी साथ।

तेरे नाम की मेहंदी सजी जब बांहों में,
लगा तेरा साया है मेरी राहों में।

हर लकीर में तेरा नाम मिल जाए,
मेरी मेहंदी का रंग सदा गहरा हो जाए।

सजी हथेलियाँ जब तेरे नाम से,
लगा तू है मेरे सब अरमान से।

तेरे नाम की मेहंदी ने कह दिया दिल का हाल,
अब तो तू ही है मेरा ख्यालों का मलाल।

पहले प्यार का पहला सबूत मिली,
जब मेहंदी में तेरा नाम लिखी।

हर दुल्हन का अरमान यही होता है,
कि मेहंदी में उसके नाम का रंग गहरा होता है।

मेहंदी का रंग भी तुझ जैसा प्यारा,
तू ही तो है मेरा सपना सारा।

तेरे नाम की मेहंदी ने जो बोला,
अब दिल भी हो गया तेरा भोला-भोला।

जब लगी मेहंदी, याद तेरा आया,
हर रंग में बस तेरा ही साया।

हाथों में तेरा नाम सजा लिया,
अपनी किस्मत को तुझसे जोड़ लिया।

सजी हथेलियों का ये रंग कहता है,
मेरा महबूब मुझमें बसता है।

तेरे प्यार का रंग चढ़ा है यूं,
जैसे मेहंदी का रंग उतरता नहीं सारी उम्र।

तेरे नाम की मेहंदी ने मोह लिया,
हर रंग ने दिल को छू लिया।

जब मेहंदी लगी थी तेरे नाम की,
तब समझ आई कीमत अरमान की।

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