Dard Bhari Shayari Hindi: टूटे हुए दिल, बिछड़ते प्यार और अधूरी मोहब्बत के दर्द को बयां करती दिल छूने वाली शायरियों का यह खास संग्रह आपके जज़्बातों को शब्दों में ढाल देगा। हर शायरी में महसूस होगा प्यार, वियोग और तड़प का सच्चा एहसास।

दर्द वो नहीं जो दिखता है चेहरों पर,
असली दर्द तो खामोशी में छिपा होता है।
मुस्कुराने की वजह ढूंढते-ढूंढते,
अब तो रोना ही अपनी आदत बन गई है।
कोई शिकवा नहीं तुझसे तेरे जाने का,
बस दिल अब भी नहीं मानता तेरे जाने का।
हर याद तेरी दिल को फिर से रुला जाती है,
जैसे पुराना ज़ख्म फिर से हरा हो जाता है।
मोहब्बत अधूरी रह जाए तो अच्छा है,
मुकम्मल हो जाए तो दर्द कौन समझेगा।

टूटे हुए दिलों की यही तो कहानी है,
कोई हँसता बाहर से, अंदर वीरानी है।
दिल में दर्द है मगर इज़हार नहीं करते,
हम मोहब्बत तो करते हैं पर बयान नहीं करते।
छोड़ के गया जब वो मुझे तन्हा,
तब जाना मोहब्बत से ज़्यादा ज़रूरी वो था।
अब किससे शिकायत करें इस दर्द-ए-दिल की,
जो खुद ज़ख्म दे वही मरहम बने बैठा है।
सब कुछ खो गया एक चेहरे की मुस्कान में,
अब तो जीना भी लगता है सज़ा सामान में।

ना जाने क्यों तेरा नाम अब भी लबों पर है,
जब दिल को तेरी मौजूदगी का ग़म बराबर है।
रुक-रुक के सांस लेता है मेरा दिल अब,
जैसे किसी की यादों से भरा हो सब।
कुछ रिश्ते बस किस्मत की बात होते हैं,
मिलते हैं, निभते नहीं — सिर्फ याद रहते हैं।
अब तो आईना भी देख कर रो देता है,
जब तेरा दीवाना खुद को अकेला पाता है।
दर्द तो बहुत है, पर कहें किससे,
हर अपना अब पराया लगता है किसी से।

Dard Bhari Shayari Hindi: टूटा हुआ दिल, बिछड़ता प्यार और अधूरी मोहब्बत के एहसास में डूबी दिल छूने वाली शयरियाँ
तेरे जाने के बाद कुछ इस तरह टूटा हूँ,
जैसे दरिया से बिछड़ा कोई क़तरा हूँ।
मोहब्बत अधूरी रह गई जैसे दुआ अधूरी,
अब बस तन्हाई है और सांसें मजबूरी।
कुछ इस तरह तन्हा कर गए वो हमें,
जैसे दिल से रूह अलग कर गए वो हमें।
अब तो रोना भी आसान नहीं लगता,
तेरी यादों का असर हर अश्क में बसता।
हँसी के पीछे एक गहरा दर्द छिपा है,
जो दिल के टुकड़ों में खामोश सिसकता है।

अब हर ख़ुशी अधूरी सी लगती है,
तेरे बिना ज़िंदगी अधूरी सी लगती है।
न जाने क्यों तुझे खो कर भी मैं जिंदा हूँ,
शायद दर्द को अब अपना बना लिया है।
तेरी मुस्कान के पीछे छुपे थे लाख ग़म,
और मैंने सोच लिया था तू खुश है सनम।
कोई समझ नहीं पाया इस दिल की तन्हाई,
सबने कहा खुश हूँ — किसी ने आँखें न देखी भाई।
अब तो ख्वाबों में भी तू नज़र नहीं आता,
शायद दिल को अब तेरा ज़िक्र भी रुलाता।